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श्रद्धा और भक्ति में डूबा नागपंचमी पर्व, नागदेव को चढ़ाया दूध, मंदिरों में उमड़ी भीड़

रिपोर्ट: प्रदीप कुमार पाण्डेय

मुहम्मदाबाद यूसुफपुर (गाजीपुर)। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर मनाया जाने वाला नागपंचमी पर्व इस वर्ष नगर एवं ग्रामीण अंचलों में अत्यंत श्रद्धा, उत्साह और धार्मिक भावनाओं के साथ मनाया गया। भोर से ही श्रद्धालु मंदिरों में पहुंचने लगे और नागदेवता को दूध, पुष्प, चंदन, अक्षत और धूप-दीप अर्पित कर विधिपूर्वक पूजा की।

महिलाओं ने परिवार की सुख-शांति, समृद्धि और नागदोष से मुक्ति की कामना करते हुए विशेष पूजन-अर्चन किया। नगर के नागेश्वरनाथ मंदिर, काली मंदिर परिसर और ग्रामीण क्षेत्रों के नागदेव स्थलों पर भक्तों का तांता लगा रहा। बच्चों ने भी मिट्टी से नाग बनाकर अपने आंगनों और दरवाजों पर स्थापित कर उन्हें श्रद्धापूर्वक पूजित किया।

धार्मिक वातावरण में भक्तिमय भजन-कीर्तन, कथावाचन और पूजा-पाठ का आयोजन किया गया। पंडितों ने नागपंचमी की पौराणिक महत्ता बताते हुए कहा कि यह पर्व केवल नागों की पूजा भर नहीं, बल्कि प्रकृति और जीव संतुलन की स्मृति का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन नागदेव की पूजा से जीवन में आने वाले भय, रोग और शत्रु बाधाएं समाप्त होती हैं तथा संतान प्राप्ति एवं कुल-रक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पर्व को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन द्वारा सुरक्षा और स्वच्छता की समुचित व्यवस्था की गई थी। स्वयंसेवी संगठनों ने श्रद्धालुओं के लिए जलपान व शीतल पेय की व्यवस्था की, वहीं पुलिस बल दिनभर मुस्तैदी से तैनात रहा।

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