मऊ । ब्राह्मण विकास परिषद जनपद मऊ के तत्वावधान में आयोजित तुलसी जयंती का कार्यक्रम परिषद के नवनिर्मित भवन चंद्रभानपुर पंचदेव मंदिर के सभागार में महान संत तुलसीदास के चित्र पर संरक्षक एवं अध्यक्ष द्वारा दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण करके प्रारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ऋषिकेश पांडेय ने की । परिषद के संरक्षक राम जी उपाध्याय ने बताया कि रामचरितमानस जीवन जीने की कला सिखाता है पिता का पुत्र के साथ भाई का भाई के साथ पति का पत्नी के साथ कैसा संबंध होना चाहिए। गोस्वामी तुलसीदास बहुत बड़े समाज सुधारक थे। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि तुलसी ने अपने मानस के द्वारा भारत बचाने का काम किया था। पारिवारिक संबंधों एवं समन्वय का रामचरितमानस में जैसा उदाहरण अन्य कहीं नहीं दिखाई पड़ता। रामचरितमानस जीवन की मार्गदर्शिका है जो हमें उत्तम जीवन यापन सिखाती है। तुलसीदास जी ने अपने जीवन के कट अनुभवों पर आधारित भावनाओं को व्यक्त किया था। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में ऋषिकेश पांडेय ने बताया कि परहित सरिस धर्म नहीं भाई पर पीड़ा नहीं सम अधमाई अगर एक ही चौपाई हम अपने जीवन में उतार ले तो हमारा जीवन धन्य हो जाएगा। आज रामचरितमानस का विश्व के विभिन्न भाषाओं में शोध हो रहा है । विजय शंकर पांडेय के द्वारा रामचरितमानस के उत्तरकांड की कुछ चौपाइयों का पाठ किया गया । इस अवसर पर डाॅ सर्वानंद पांडेय, विजय शंकर पांडेय, डॉक्टर यू पी द्विवेदी, धनंजय पांडेय, डॉक्टर पंकज उपाध्याय, रामजापित पांडेय, ओम प्रकाश शुक्ला डॉक्टर संतोष कुमार शुक्ला डॉ योगेंद्र नाथ चौबे ,जयप्रकाश मिश्रा, अशोक मिश्रा ,विजय प्रताप दुबे, पंकज उपाध्याय रामानंद मिश्रा, नागेंद्र मिश्र, राजेश्वर उपाध्याय ने अपने विचार दिए। कार्यक्रम के यंत्र में शांति पाठ के द्वारा समापन किया गया और संचालन ब्राह्मण विकास परिषद के मंत्री संजय कुमार त्रिपाठी ने किया।